हम मानते हैं कि इन केंद्रों में लोगों को एकत्रित करके, हम
उन्हें प्रेरित कर सकते हैं और संगठित कर सकते हैं ताकि वे एक अधिक ज्ञानवर्धक और उद्देश्यसिद्ध जीवन जी
सकें ।
सत्संग के माध्यम से हम सांस्कृतिक और आध्यात्मिक मूल्यों के प्रसार को
प्रोत्साहित करेंगे जो लोगों के बीच एकता और परस्पर सम्मान की भावना को बढ़ावा देते हैं, और उन्हें
सामान्य हित के प्रति कार्य करने के लिए प्रेरित करेंगे ।
ये केंद्र सामुदायिक विकास के लिए एक
केंद्रीय स्थान की भूमिका निभाएंगे और महिलाओं और युवाओं को सशक्त बनाने और उनके अधिकारों की जागरूकता
बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेंगे ।
हम मानते हैं कि गांवों में ऐसे सांस्कृतिक केंद्र स्थापित
करके, हम ग्रामीण समुदायों के समग्र विकास और सामरिक कल्याण में योगदान कर सकते हैं ।
कथाकार योजना
एकल श्रीहरि द्वारा गाँव के युवा भाई-बहनों को संतों और कथाकारों के द्वारा प्रशिक्षण देकर उनके
अपने अपने वनक्षेत्रों में हरिकथा, सत्संग, परिवार मंगल, ग्राम मंगल अनुष्ठान इत्यादि का आयोजन किया
जाता है ।
यह कार्यक्रम अपने संबंधित वन क्षेत्रों में कहानी सुनाने, सत्संग, आध्यात्मिक
विचार-विमर्श, परिवार और गांव कल्याण रस्मों जैसी घटनाओं का आयोजन सम्मिलित करता है।
श्रीहरि रथ योजना
श्रीहरि रथ योजना एक गतिशील छोटे ट्रक की तरह बने रथ का नाम है, जिसमें भगवान का एक छोटा मंदिर
स्थापित होता है, और यह गांव से गांव वन क्षेत्रों में यात्रा करता है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य
ग्रामीणों के बीच सामाजिक समरसता और जागरूकता को बढ़ावा देना है ।
गांववासियों द्वारा पूजा
की प्रथा का आयोजन किया जाता है और शाम को, यह एक मोबाइल सिनेमा स्क्रीन के रूप में सेवा करता है
जिसमें भक्तिपूर्ण फिल्में दिखाई जाती हैं, जिससे वनवासियों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यह
कार्यक्रम गांववासियों के बीच सामाजिक समानता और जागरूकता को बढ़ावा देता है ।
हमारे सहयोगी संगठन
व्यास व आचार्य कथाकार योजना
यह योजना अपने शिक्षक विकास कार्यक्रम के लिए ग्रामीण क्षेत्रों से भाई और बहनों का चयन करती है और
देश भर में संगठन के प्रशिक्षण केंद्रों में कहानी सुनाने की प्रशिक्षण देती है ।
प्रशिक्षण
को सफलतापूर्वक पूरा करने पर उन कथाकारों को रामायण, श्रीमद भागवत कथा, शिवकथा के माध्यम से
वनांचलों में वनवासियों को अपनी लोक संस्कृति, संस्कार, तथा जीवन पद्धति के बारे में शिक्षित करने
के लिए गाँव में भेजा जाता है, जहाँ वे संस्कार केंद्र में दैनिक /साप्ताहिक /पाक्षिक सत्संग –
स्वाध्याय के माध्यम से ग्रामवासियों में जागरूकता पैदा करते हैं ।
वनयात्रा योजना
एकल अभियान का महत्वपूर्ण पड़ाव वनयात्राएँ हैं, जिसके अंतर्गत शहर तथा वनांचलों के बीच सद्भावपूर्ण वातावरण के निर्माण के लिए तथा प्रकृति के संरक्षण में लगे वनवासियों के जीवन को नजदीक से देखने, जानने, समझने और उनकी समस्याओं के निराकरण के लिए अपना योगदान देने की मानसिकता को तैयार करने के लिए वनयात्राओं का आयोजन शहर तथा वनांचलों और सुदूर गाँवों के बीच सेतुबंध का काम करता है ।