‘एकल श्रीहरि’ – एकल अभियान के अंतर्गत एक समाजसेवी संगठन है । जिसका मुख्य उद्देश्य एकल अभियान के पंचमुखी शिक्षा में से एक मूल्याधारित संस्कार शिक्षा के द्वारा सुदूर, पर्वतीय , जनजातियों, वनांचलों में बसे वन -बंधुओं के सांस्कृतिक, सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक उत्थान के लिए कार्य करना है और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रयास करना है ।
संगठन समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने और वन निवासियों के संगीत और संस्कृति, समाज, अर्थव्यवस्था और शिक्षा के क्षेत्रों में संपूर्ण विकास को प्रोत्साहित करने का प्रयास करता है ।वनवासी गाँवों में सांस्कृतिक, धार्मिक कार्यक्रमों का अधिकाधिक आयोजन कर संस्कारित, स्वावलंबी, स्वास्थ्य और अपने अधिकारों के प्रति जागरूक वनवासी समाज की स्थापना करना ।
हम इन नैतिक केंद्रों की स्थापना करने की योजना बना रहे हैं जो आदिवासी गांवों में स्थापित होंगे
ताकि हम लोगों से जुड़ सकें और उनके विकास में मदद कर सकें।
हम महिलाओं और युवाओं पर विशेष ध्यान देते हुए लोगों को सशक्त बनाने और स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ाने
के लिए काम कर रहे हैं।
राष्ट्रीय
इकाईयां
4 राष्ट्रीय इकाईयां — कोलकाता, मुंबई, दिल्ली और
सूरत
राज्य इकाईयां
आगरा, सिलीगुड़ी, हैदराबाद और
बेंगलुरु में स्थित 4 राज्यीय इकाईयां हैं ।
उप इकाईयां
देश के सभी क्षेत्रों को कवर करने वाले 17 शहरों में
उप-इकाईयां हैं ।
नेपाल राष्ट्र
3 नेपाल राष्ट्र अध्याय बिर्तामोड, जनकपुर और बिराटनगर में स्थित हैं।
हमारी उपलब्धियाँ
जुलाई 2024 तक, हमारे पास कुल 52,694 संस्कार केंद्र हैं, जहां 19,86,568 लोगों की मासिक उपस्थिति होती है।
कथाकार योजना
एकल श्रीहरि द्वारा गाँव के युवा भाई-बहनों को संतों और कथाकारों के द्वारा प्रशिक्षण देकर उनके
अपने अपने वनक्षेत्रों में हरिकथा, सत्संग, परिवार मंगल, ग्राम मंगल अनुष्ठान इत्यादि का आयोजन किया
जाता है ।
यह कार्यक्रम अपने संबंधित वन क्षेत्रों में कहानी सुनाने, सत्संग, आध्यात्मिक
विचार-विमर्श, परिवार और गांव कल्याण रस्मों जैसी घटनाओं का आयोजन सम्मिलित करता है ।
श्रीहरि रथ योजना
श्रीहरि रथ योजना एक गतिशील छोटे ट्रक की तरह बने रथ का नाम है, जिसमें भगवान का एक छोटा मंदिर
स्थापित होता है, और यह गांव से गांव वन क्षेत्रों में यात्रा करता है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य
ग्रामीणों के बीच सामाजिक समरसता और जागरूकता को बढ़ावा देना है ।
गांववासियों द्वारा पूजा
की प्रथा का आयोजन किया जाता है और शाम को, यह एक मोबाइल सिनेमा स्क्रीन के रूप में सेवा करता है
जिसमें भक्तिपूर्ण फिल्में दिखाई जाती हैं, जिससे वनवासियों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यह
कार्यक्रम गांववासियों के बीच सामाजिक समानता और जागरूकता को बढ़ावा देता है ।
व्यास व आचार्य कथाकार योजना
यह योजना अपने शिक्षक विकास कार्यक्रम के लिए ग्रामीण क्षेत्रों से भाई और बहनों का चयन करती है और
देश भर में संगठन के प्रशिक्षण केंद्रों में कहानी सुनाने की प्रशिक्षण देती है ।
प्रशिक्षण
को सफलतापूर्वक पूरा करने पर उन कथाकारों को रामायण, श्रीमद भागवत कथा, शिवकथा के माध्यम से
वनांचलों में वनवासियों को अपनी लोक संस्कृति, संस्कार, तथा जीवन पद्धति के बारे में शिक्षित करने
के लिए गाँव में भेजा जाता है, जहाँ वे संस्कार केंद्र में दैनिक/साप्ताहिक/पाक्षिक सत्संग –
स्वाध्याय के माध्यम से ग्रामवासियों में जागरूकता पैदा करते हैं ।
वनयात्रा योजना
एकल अभियान का महत्वपूर्ण पड़ाव वनयात्राएँ हैं, जिसके अंतर्गत शहर तथा वनांचलों के बीच सद्भावपूर्ण वातावरण के निर्माण के लिए तथा प्रकृति के संरक्षण में लगे वनवासियों के जीवन को नजदीक से देखने, जानने, समझने और उनकी समस्याओं के निराकरण के लिए अपना योगदान देने की मानसिकता को तैयार करने के लिए वनयात्राओं का आयोजन शहर तथा वनांचलों और सुदूर गाँवों के बीच सेतुबंध का काम करता है ।
हमारे सहयोगी संगठन
आइए, हम सामाजिक बदलाव के इस महाआंदोलन से जुड़ें और नए भारत के निर्माण में अपना योगदान दें । संस्था को दिया गया आपका दान आयकर अधिनियम की धारा 80G के तहत छूट प्राप्त है ।